ब्लॉक का सबसे बड़ा पोस्ट ऑफिस जर्जर हालत में अतिक्रमण धारी ने कर लिया पोस्ट ऑफिस के एक एकड़ की जमीन बाउंड्री वालों के अंदर पोस्ट मास्टर की मिली भगत आमला

रिपोर्टर राकेश डबबु तायवाडे आमला बैतूल

एक से आधा दर्जन समाचार प्रकाशित कर जर्जर पोस्ट ऑफिस में जान फूंक दी थी किंतु आज पोस्ट ऑफिस जर्जर हालत में होने के कारण पोस्ट ऑफिस के अंदर टूटे दरवाजे शौचालय टूटे बैठने की कुर्सियां तक नहीं है वहीं एटीएम मशीन तक नहीं लग पाई वहीं बाउंड्री वॉल टूटी पड़ी मजनुओं का शराबियों का डेरा रात्रि में हनीमून की तरह देखा जा सकता है

जहां लेटर के ऊपर बैठकर पतंग बाजी भी होती क्या तो की 1980 में यह पोस्ट ऑफिस आधुनिक लाल किले की तरह बना था

किंतु आज कांग्रेस शासन का बना पोस्ट ऑफिस जर्जर हो चुका है जो सेंट्रल गवर्नमेंट के अधीन है किंतु ना पोस्ट मास्टर सुनते हैं ना अधिकारी वही स्पूतनिक समाचार ने 3 वर्ष पहले लगातार समाचार प्रकाशित कर कंप्यूटर खराब होने का समाचार ताला भारत नदी नुमा पोस्ट ऑफिस का लेटर टूटा अन्य समाचार प्रकाशित किए थे जहां बास डाल आया भी था जिसका रंग रोगन भी हुआ है किंतु 25 प्रतिशत कार्य करके छोड़ दिया है जहां एक लोहे की सीढ़ी लगाकर मजनू को मौज मस्ती के लिए लेटर पर पतंगबाजी करने के लिए छोड़ रखा है

वहीं गेट का एक दरवाजा तक गायब है जो 10 कुंटल का बताया जा सकता है चोर कहां ले उड़े इसका आता पता नहीं है वही नगर पालिका द्वारा बगैर आज्ञा पत्र की पोस्ट ऑफिस अधिकारी की मिली भगत से यहां नलकूप भी खोदा गया है वही अधिकारी किसी प्रकार की दिलचस्पी नहीं लेते है ऐसा पोस्ट ऑफिस दुनिया में नहीं देखा है जो सन 80 का लोक पुरी लाल किले की तरह पोस्ट ऑफिस बना था जिसके खंबे देखने लायक लेकिन आज टूटा सीमेंट के कपड़े देखकर ऐसा लगता है प्रशासन भी दुर्भाग्य की ओर है जहां नरेंद्र मोदी जी की नाक के नीचे अंधेरा दिख रहा है

जो पोस्ट ऑफिस सेंट्रल होने के नाते कर्मचारी केंद्रीय वेतन लेते हैं जिन्हें रुचि लेने में दिलचस्पी नहीं है केवल तनख्वाह से मतलब है वही स्टेशनरी तक गायब रहती है जहां पोस्ट ऑफिस के अंदर एजेंट लोग कमीशन बाजी भी करते देखे गए हैं जिसका समाचार राष्ट्रीय स्पूतनिक समाचार ने 5 वर्ष पहले प्रकाशित किया था आज भी दलाल की तरह एजेंट बैठे रहते हैं

जहां खाता खोलने के पैसे लिए जाते हैं

वहीं पेंशनरों के अंगूठा लगाने के ₹10 से लेकर ₹20 का शुल्क एजेंट ने तय कर रखा है जहां एक खटमल की लकड़ी की पेटी 1960 की रखी हुई है जिस पर बैठकर अंगूठे लगाए जाते हैं लाल किले के तरह भवन को देखकर ऐसा लगता है क्या अधिकारी कुंभकरण की नींद में सो गए वहीं पोस्ट ऑफिस का बड़ा डब्बा हाल ही में रियो का डब्बा तीन जगह से लोहे के टुकड़े लगे जहां बरसाती पानी घुसने से सैकड़ो रखिए गीली हो चुकी है

किंतु अधिकारी को वेतन लेने से फुर्सत नहीं है पोस्ट ऑफिस का डब्बा सड़क किनारे देखने योग्य वही पोस्ट ऑफिस के सामने नजूल की दुकान भी निर्मित हो गई है

जहां विज्ञापन बोर्ड का भी समाचार स्पूतनिक समाचार ने पूर्व में प्रकाशित किया था जो तीन बोर्ड लगे थे

जिसकी जांच जल आने पर पता चला कि इसका भी शुल्क पोस्ट मास्टर रखते हैं फिलहाल ब्लॉक का बड़ा पोस्ट ऑफिस होने के नाते इस पोस्ट ऑफिस से 68 पंचायत बोरदेही विकासखंड वी बोर्ड की का पोस्ट ऑफिस शामिल है जहां बोरदेही का पोस्ट ऑफिस आज भी किराए के भवन में संचालित है

जिसकी भूमि आज तक पोस्ट ऑफिस टटोल रहा है जिसका मुख्य अधिकारी केंद्र छिंदवाड़ा बताया जाता है

वहीं मुलताई में ब्रांच अधिकारी बैठते हैं जिन्हें केवल लिप पहुंची से फुर्सत नहीं वहीं हाल ही में वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र उपाध्याय ने शिकायत के माध्यम से एक ज्ञापन भी पोस्ट मास्टर को दिया है

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