आमला के शासकीय अस्पताल में महिला डॉक्टर की पदस्थापना को लेकर महिला संगठनों ने दिया ज्ञापन

रिपोर्टर राकेश डब्बू तायबाड़े बेतूल

आमला शासकीय अस्पताल में महिला डॉक्टर की पदस्थापना हेतु विभिन्न महिला संगठनों ने बुधवार 31 मई को सौंपा ज्ञापन……..

आमला नगर की विभिन्न सामाजिक स्वयंसेवी एवं जागृत महिला संगठनों जिनमें आमला विकास समिति की विमल मदान, क्षत्रीय लोणारी कुनबी समाज महिला संगठन की अध्यक्ष मधुबाला धोटे ,कांग्रेस सेवा दल नगर अध्यक्ष राखी बाथव, वार्ड क्रमांक 7 पार्षद अलका मानकर, वार्ड क्रमांक 12 की पार्षद पद्ममिनी भूमरकर, सुजान ग्रुप की इंदिरा गाडरे द्वारा आमला शासकीय अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की पदस्थापना के लिए मुख्यमंत्री माननीय शिवराज जी चौहान के नाम ज्ञापन आमला तहसीलदार लवीना घागरे को सौंपा, ज्ञापन सौंपते समय प्रतिभा ठाकुर, रोशनी सालोड़े,मीना बुंदेला सुभांगी डोंगरे, आदि उपस्थित थे। विदित हो कि अभी कुछ दिन पहले ही व्यापारी संघ आमला द्वारा संकेतिक बंद कर इस और शासन प्रशासन का ध्यानाकर्षण किया गया था परंतु 1 माह से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी आज तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई ना ही कोई कदम उठाया गया,

साथ ही ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र के आम नागरिक महिला सहित बार-बार मांग कर रहे हैं कि आमला अस्पताल में डॉक्टरों एवं विशेषकर महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति की जाए परंतु शासन प्रशासन का इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं है। जबकि आमला शासकीय अस्पताल में नगर पालिका एवं ब्लॉक के 68 पंचायतो के नागरिक इलाज हेतु इसी अस्पताल पर निर्भर है, शासकीय अस्पताल की बिल्डिंग को तो बड़ा कर दिया परंतु यहां सुविधाएं एवं डॉक्टरों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है।

जनप्रतिनिधि शासन प्रशासन केवल आश्वासन दे रहा है ,कल ही आमला से गुबरेल जा रहे हैं एक परिवार के तीन सदस्य एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल हो गए जिन्हें इलाज हेतु शासकीय अस्पताल लाया गया परंतु अस्पताल में प्रथमोपचार के अलावा कोई सुविधा नहीं है जिसके कारण उन्हें बैतूल रेफर कर दिया गया जिसमें से एक मरीज की रास्ते में ही मौत हो गई अगर समय पर अस्पताल में उचित इलाज मिल जाता तो कीमती जान बचाई जा सकती थी सरकार नारी सम्मान उत्थान और विकास की बात करती है

परंतु यहां इतनी बड़ी आबादी पर महिला रोग विशेषज्ञ का ना होना आज के इस समय में हास्यास्पद लगता है ,छोटी छोटी सी बीमारियों के लिए माताओं बहनों बैतूल और नागपुर का रुख करना पड़ता है शासन प्रशासन को इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसका शीघ्र अति शीघ्र हल निकालना होगा वरना यह जायज मांग कब जन आंदोलन बन जाएगा और लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे।

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