रिपोर्टर संजय वर्मा
भारतीय पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हिंदू धर्म के नववर्ष का आरंभ माना जाता है।
इसी दिन से चैत्र नवरात्र प्रारंभ होते है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र 09 अप्रैल मंगलवार विक्रम संवत 2081 का आगाज हो जायेगा,इसी दिन गुड़ी पड़वा,आर्य समाज स्थापना दिवस,चेती चांद,ऋषि गौतम जी की जयंती,आदि मंगल पर्व एक साथ मनाएं जायेगे।
नगर पुरोहित पं मनीष पाठक ने बताया की यह चैत्र नवरात्र सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि के विशेष शुभ सयोंग के साथ यह नववर्ष आरंभ हो रहा है, जो सुख समृद्धि,वर्षा की अधिकता,खाद्य वस्तुओं की मूल्यों में कमी के साथ ही नव वर्ष मंगलकारी रहेगा,साथ ही इस नवरात्र को अनुष्ठान एवं साधना के लिए विशेष फलदाई माना जाता है।चैत्र नवरात्रि को क्यों मनाया जाता है नववर्ष के रूप मे…..हिंदू सनातन धर्म के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन सृष्टि की रचना प्रारंभ की थी इस कारण इसे सृष्टि की रचना के उत्सव के रूप में भी देखा जाता है।
वैदिक काल से चली आ रही कालगणना का वर्ष भी यही से आरंभ होता हैं और प्रकृति में आधुनिकता का संचार भी इसी माह से प्रारंभ होता हैफलदायक होती हैं साधना: पं डॉ दीपेश पाठक ने बताया की चैत्र शब्द से चंद्र तिथि का बोध होता हे।चंद्र तिथि के अनुसार मीन और मेष इन दो राशियों में सूर्य के आने पर यह काल किसी भी अनुष्ठान के लिए सर्वोत्तम समयकाल माना जाता है इन दिनों में की जाने वाली साधना अवश्य ही सफल होती हैंपौराणिक मान्यताइस दिन रामायण काल मे भगवान श्रीराम ने वानरराज बाली को अत्याचारी शासन से दक्षिण की प्रजा को मुक्ति दिलाई थी जिस कारण वह की प्रजाजनों ने अपने घरों पर विजय पताका फहराया था,जिसे आज के समय मे गुड़ी पर्व कहा जाता है इस कारण इसे गुड़ीपड़वा पर्व के रूप में भी मनाया जाता हैवसन्तोत्सव उल्लास:-वसंत ऋतु में जब चारो और वृक्षों में नई कोपलें, आमो में बोर आते हैं भौरें गुंजार करते हैं कोयल कुह कुह करती है तब मानव हृदय में भी आनंद, उमंग,उल्लास का सागर हिलोरे मारने लगता है।
इस आनंद के वातावरण में सभीजन मिलकर नववर्ष के उत्सव का आगाज वासंतिक उल्लास के साथ कर आनंद के साथ मनाते हैं। 17 को राम नवमी: पं पाठक ने बताया कि 17अप्रैल को रामनवमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा भगवान श्री राम जी का जन्म पर्व दिन के मध्यकाल का पर्व हे इसलिए 17 अप्रैल को रामनवमी पर्व मनाया जायेगा इन शुभमुहूर्त पर करे घट की स्थापनाचर- प्रातः 09:12 से 10:47 तकलाभ-अमृत- दोपहर 10:47 से दोपहर 01:58 तकश्रेष्ठ मुहूर्त:प्रातः06:01 से 10:15 ,अभिजीत मुहूर्त समय- दोपहर 11:57 से 12:48 तक
शुभेच्छु पं मनीष पाठक एवं समस्त नगर पुरोहित परिवार आष्टा(श्रीजगधीश्वरधाम) 9893382678